गणेशजी का वास्तु दोष से क्या संबंध है

गणपतिजी का स्थान देवताओं में प्रथम है। घर के वास्तुदोष को शांत किए जाने में किसी प्रकार का संदेह नहीं है। नियमित गणेशजी की आराधना से घर मे वास्तु दोष उत्पन्न होने की संभावना बहुत कम होती है।


-> घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में गणेशजी की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं। किन्तु यह ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए।


सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति या चित्र लगाना चाहिए।

-> मंगल की कामना करने वालों के लिए सिन्दूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहती है। 


गणेश की मूर्ति अथवा चित्र में उनके बाएं हाथ की और सूंड घुमी हुई हो, इस बात का ध्यान रखना चाहिए। दाएं हाथ की ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं तथा उनकी साधना-आराधना कठिन होती है। वे देर से भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।

-> मंगल मूर्ति को मोदक एवं उनका वाहन मूषक अतिप्रिय है। अतः चित्र लगाते समय ध्यान रखें कि चित्र में मोदक या लड्डू और चूहा अवश्य होना चाहिए।

-> घर में बैठे हुए गणेशजी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणपतिजी का चित्र लगाना चाहिए, किन्तु यह ध्यान रखें कि खड़े गणेशजी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों। इससे कार्य में स्थिरता आने की संभावना रहती है।

-> भवन के ब्रह्म स्थान अर्थात केंद्र में, ईशान कोण एवं पूर्व दिशा में सुखकर्ता की मूर्ति अथवा चित्र लगाना शुभ रहता है। किन्तु टॉयलेट अथवा ऐसे स्थान पर गणेशजी का चित्र नहीं लगाना चाहिए जहां लोगों को थूकने आदि से रोकना हो। यह गणेशजी के चित्र का अपमान होगा।

वास्तव में गणपति का महत्व

घर के मुख्य द्वार पूजा स्थल रसोई और कार्यस्थल में अगर कोई भी वास्तु दोष है तो उसे गणपति की मूर्ति लगाकर नहीं किया जा सकता है लेकिन गणपति की मूर्ति कैसे और कहां लगाई जाए आइए जानते हैं

 में गणपति की अलग-अलग रंगों की मूर्तियों का प्रयोग किया जाता है इन्हें अलग-अलग कुछ विशेष दिशाओं में उनका प्रयोग किया जाता है


घर में गणेश की ढेर सारी मूर्तियां जा चित्र नहीं होनी चाहिए पूजा स्थल में 3 से ज्यादा गणेश मूर्ति नहीं होनी चाहिए

गणेश जी की मूर्ति घर में स्थापित करें जिसमें उनकी सुनवाई या लेफ्ट साइड में हो


घर में गणेश की 12 अंगुल यानी 6 इंच से ज्यादा की बड़ी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए


पीले रंग की गणेश की मूर्ति ज्यादा अच्छी मानी जाती है इसलिए घर में पीले रंग की गणेश की मूर्ति लगाए रखें स्थापित करें


गणेश जी को कभी भी तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करनी चाहिए


विद्यार्थी बच्चों की मेज पर पीले रंग या हल्के हरे रंग के गणेश की मूर्ति रखनी चाहिए।


अपने बेडरूम में कभी भी किसी की धूप देवता की मूर्ति नहीं लगानी चाहिए खासकर गणेश जी की


घर के मुख्य द्वार पर अंदर की तरफ गणेश जी की मूर्ति लगाई बाहर की तरफ लगाना शुभ नहीं माना जाता


पूजा के कमरे में पीले रंग के गणेश की मूर्ति स्थापित करें और पूजा करते हुए उन्हें दूध की धार हरकत करें


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