अस्त शुक्र भी हो जाएगा महाबलवान- शुक्र के बेहद आसान उपाय
शुक्र ग्रह का जीवन में महत्व
जिन बच्चों का शुक्र कमजोर होता है। वह लोग हर काम बड़ी धीमे-धीमे करते हैं। जैसे धीमे से उठना, धीमे से बैठना, धीमे-धीमे चलना। इन लोगों का आभामंडल (Aura) कमजोर होता है।
जन्म कुंडली में शुक्र अगर बलवान हो तो व्यक्ति ऐश्वर्य पूर्वक जीवन जीता है। शुक्र को बलवान करना हर किसी के लिए आवश्यक है।
शुक्र को बलवान करने के लिए शास्त्रों में बेहद आसान उपाय बताए गए हैं।
शुक्र को मजबूत करने के उपाय
शुक्र को मजबूत करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं...
1.अपने भोजन को जूठा करने से पूर्व कुछ भाग गाय का निकालें।
2. शुक्र के लिए आपको अपने कपड़ों में ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग का प्रयोग करना चाहिए। हो सके तो शुक्रवार को सफेद वस्त्र जरूर पहनें।
3. चांदी, चावल, दूध, दही, श्वेत चंदन, सफेद वस्त्र तथा सुगंधित पदार्थ किसी पुजारी की पत्नी को दान करें।
4. घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी पूजा करें।
5. सफेद चंदन का तिलक करें।
6. पानी में चंदन मिलाकर स्नान करें।
7. चांदी का टुकड़ा या चंदन की लकड़ी नदी या नहर में प्रवाहित करें।
8. सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल करें।
9. संतान प्राप्ति के चाहवान दंपति हरसिंगार का पौधा घर में लगाएं तथा उसको ऐसे सींचे, जैसे अपने छोटे बच्चे की देखभाल करते हैं।
10. शुक्रवार के दिन व्रत रखें।
11. खीर कौओं और गरीबों को खिलाएं।
12. शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना शुक्र को बलवान करता है। इसे नियम बना कर लगातार करते रहें।
13. शुक्र की मजबूती के लिए किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिठाई का दान करें।
14. शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए। दूध की ज्यादा बर्बादी ना हो उसके लिए एक बाल्टी में थोड़ा सा गाय का दूध डालकर बाकी पानी से भर दें।
15. शुक्र बलवान होने पर सिले हुए सुंदर वस्त्र, सेंट (परफ्यूम) और आभूषण उपहार में नहीं देने चाहिए। शुक्र से संबंधित वस्तुओं जैसे सुगंध, घी और सुगंधित तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
शुक्र गृह की पूजा कैसे करें
शुक्र ग्रहों में सबसे चमकीला है और प्रेम का प्रतीक है। अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे-पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है।
शुक्र ग्रह भोग-विलास, सांसारिक सुख, प्रेम, मनोरंजक, व्यवसाय, पत्नी का कारक ग्रह है। मूत्राशय, चर्म संबंधी बीमारी से इसका सीधा संबंध है।शुक्र का व्रत 31 या 21 शुक्रवारों तक करना चाहिए। श्वेत वस्त्र धारण करके 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:' इस मंत्र का 21, 11 या 5 माला जप करें। भोजन में चावल, चीनी, दूध, दही और घी से बने पदार्थ सेवन करें। इस व्रत के करने से सुख-सौभाग्य और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
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