गलत मंत्र पढ़ने से कौन कौन से नुकसान हो सकते हैं- क्या है मंत्र पढ़ने की सही विधि
क्या आप भी गलत मंत्र का उच्चारण करते हैं
मंत्र पढ़ते समय कुछ सावधानियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
सनातन धर्म के अनुसार मंत्र सिद्धि के लिए आवश्यक है कि मंत्र को गुप्त रखा जाए।
इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रहे कि मंत्र का उच्चारण शद्ध हो। गलत उच्चारण करने से मंत्र का पूरा लाभ नही मिल पाता।
मंत्र पढ़ने वाले साधक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी को यह पता ना चले कि वो किस मंत्र का जप करता है या कर रहा है। यदि मंत्र के समय कोई पास में है तो मानसिक जप करना चाहिए।
हमारे पुराणों में मंत्रों की असीम शक्ति का वर्णन किया गया है। यदि साधना काल में नियमों का पालन न किया जाए तो कभी-कभी इसके बड़े घातक परिणाम भी सामने आ जाते हैं। साधना करते समय तो विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
मंत्र उच्चारण की जरा-सी त्रुटि हमारे सारे मुसीबतों का कारण भी सकती है। इसलिए गुरु के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन साधक को अवश्य करना चाहिए।
दीक्षा स्थान, समय और जप संख्या आदि का दृढ़तापूर्वक पालन करें, क्योंकि विपरीत आचरण करने से मंत्र और उसकी साधना निष्फल हो जाती है।
जबकि विधिवत पद्धति से की गई साधना से इष्ट देवता की कृपा सुलभ रहती है।
मंत्र पढ़ने वाले साधक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी को यह पता ना चले कि वो किस मंत्र का जप करता है या कर रहा है। यदि मंत्र के समय कोई पास में है तो मानसिक जप करना चाहिए।
हमारे पुराणों में मंत्रों की असीम शक्ति का वर्णन किया गया है। यदि साधना काल में नियमों का पालन न किया जाए तो कभी-कभी इसके बड़े घातक परिणाम भी सामने आ जाते हैं। साधना करते समय तो विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
मंत्र उच्चारण की जरा-सी त्रुटि हमारे सारे मुसीबतों का कारण भी सकती है। इसलिए गुरु के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन साधक को अवश्य करना चाहिए।
दीक्षा स्थान, समय और जप संख्या आदि का दृढ़तापूर्वक पालन करें, क्योंकि विपरीत आचरण करने से मंत्र और उसकी साधना निष्फल हो जाती है।
जबकि विधिवत पद्धति से की गई साधना से इष्ट देवता की कृपा सुलभ रहती है।
Post a Comment