पूजा में किस धातु का बर्तन प्रयोग करें| Pooja ke liye kis dhatu ke bartan ka upyog karen

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पूजा में प्रयोग होने वाले बर्तन

दोस्तों धार्मिक कर्मकांड और पूजा पाठ में प्रयोग होने वाले बर्तन कई धातु के होते हैं। तांबे के बर्तन का प्रयोग ज्यादातर अनुष्ठानों में देखा जाता है। वहीं कुछ धातुएँ ऐसी भी हैं जिनका पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग वर्जित बताया गया है।
तांबे के अलावा और किस किस धातु के बर्तन का प्रयोग पूजा पाठ में किया जाता है आइये जानें...

आजकल मार्केट में स्टील के बर्तन का चलन बढ़ गया है। बाजार में कई डिजाइन की पूजा की थालियां देखने को मिल जाएंगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पूजा में स्टील के बर्तन का प्रयोग किया जा सकता है?


पूजा पाठ एक ऐसा कर्म है, जिससे जीवन की बड़ी-बड़ी समस्याएं हल हो जाती हैं। पूजा में बर्तनों का भी काफी गहरा महत्व है। पूजन में अलग-अलग धातु अलग-अलग फल देती है। इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी है।

किस धातु के बर्तन उपयोग में लें?

पूजा में सोना, चांदी, पीतल, तांबे के बर्तनों का उपयोग शुभ माना गया है। वैज्ञानिक भी तांबे के बर्तन में पानी पीने की सलाह देते। तांबे को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इन धातुओं को रगड़ना हमारी त्वचा के लिए लाभदायक रहता है।

किस धातु के बर्तन का पूजा में प्रयोग ना करें

धार्मिक अनुष्ठानों में लोहा,स्टील और एल्युमीनियम धातु से निर्मित बर्तन वर्जित किए गए हैं। इनका किसी भी रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इन धातुओं को पूजा में अपवित्र माना गया है। यहां तक की इन धातुओं की मूर्तियां भी नहीं बनाई जाती हैं।


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लोहे में हवा, पानी से जंग लग जाता है। एल्यूमीनियम से भी कालिख निकलती है। पूजन में कई बार मूर्तियों को हाथों से स्नान कराया जाता है, उस समय इन मूर्तियों रगड़ा भी जाता है। ऐसे में लोहे और एल्युमिनियम से निकलने वाली जंग और कालिख का हमारी त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए लोहा, एल्युमीनियम को पूजा में वर्जित किया गया है।

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