वास्तु ही नहीं अपनी संस्कृति को बचाने वाले उपाय-जरूर करें

वास्तु के अचूक रामबाण उपाय और टोटके

वास्तु का मतलब है निवास स्थान। यह 5 तत्वों जैसे जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश तत्वों के बीच एक सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है। घर में छोटी छोटी ऐसी कई बातें होती हैं जिनका ध्यान रखा जाये तो वास्तु दोषों से बचा जा सकता है. 

वास्तु के उपाय केवल टोटकों से ही प्रेरित नहीं होते बल्कि ये भारतीय संस्कृति से भी जुड़े हुए हैं। यह भारतीय समाज को अपनी पुरातन व्यवस्था से जोड़ने का एक साधन भी है। 

आज ऐसी कई पुराने रीति रिवाज है जो गांव देहातों में आज भी देखने को मिलते हैं। परंतु शहरी चकाचौंध ने उसे भुला दिया है। 

धीरे धीरे ही सही लेकिन डिजिटल क्रांति ने उन भूले बिसरे शहरी लोगों तक ये पुरानी व्यवस्था पुनः पहुँचाने में मदद भी की है।
  • घर में सुबह-सुबह कुछ देर के लिए ही सही लेकिन भजन जरूर करें।
  • घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखना चाहिए, उसे पैर नहीं लगाएं, न ही उसके ऊपर से गुजरे अन्यथा घर में बरकत की कमी हो जाती है। झाड़ू हमेशा छुपा कर रखने वाली वस्तु है।
  • बिस्तर पर बैठ कर कभी खाना न खाएं, ऐसा करने से धन की हानि होती हैं। लक्ष्मी घर से निकल जाती है। घर मे अशांति होती है।
  • घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे सीधे करके नहीं रखने चाहिए। इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।
  • पूजा सुबह 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर पूजा करनी चाहिए । पूजा का आसन जूट अथवा कुश का हो तो उत्तम होता है।
  • पहली रोटी गाय के लिए निकालें। इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है |
  • पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें जो जितना संभव हो ईशान कोण के हिस्से में हो |
  • आरती, दीप, पूजा अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं।
  • मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में |
  • घर के मुख्य द्वार पर दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं |
  • घर में कभी भी जाले न लगने दें, वरना भाग्य और कर्म पर जाले लगने लगते हैं और जीवन मे बाधा आती है।
  • सप्ताह में एक बार जरुर समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोछा लगाएं | इससे negative energy दूर होती है |
  • कोशिश करें की सुबह की sun light आपके पूजा घर में जरुर पहुचें।
  • पूजा घर में अगर कोई प्रतिष्ठित मूर्ती है तो उसकी पूजा हर रोज नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए।

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